2015-11-26 12:33:00

नायरोबी के अधिकारियों एवं राजनयिकों शांति हेतु कार्य करने की अपील


नायरोबी, केनिया, गुरुवार, 26 नवम्बर 2015 (सेदोक): केनिया में अपने आगमन के कुछ देर बाद सन्त पापा फ्राँसिस ने केनियाई अधिकारियों एवं विश्व के राजनयिकों से आग्रह किया कि वे ज़िम्मेदाराना आर्थिक विकास के लिये प्रतिबद्धता दर्शायें तथा भावी पीढ़ियों के लिये प्रकृति की रक्षा के प्रति कृत संकल्प होवें।

नायरोबी के "जोमो केनियाता" अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से नायरोबी के स्टेट हाऊस तक के मार्ग के ओर छोर खड़े रहकर सैकड़ों लोगों ने जयनारों के साथ अपने यहाँ खास मेहमान का स्वागत किया। स्टेट हाऊस में आधिकारिक स्वागत समारोह के दौरान केनिया एवं वाटिकन की राष्ट्रीय धुनें बजाई गई तथा 21 तोपों की सलामी देकर वाटिकन राज्य के राष्ट्राध्यक्ष का भव्य स्वागत किया गया। तदोपरान्त, राष्ट्रपति ऊरुहु केनियाता ने सन्त पापा फ्राँसिस के साथ औपचारिक मुलाकात की। सन्त पापा ने केनिया के स्वर्ण ग्रन्थ पर हस्ताक्षर किये तथा राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक के लिये सुख एवं शांति की शुभकामना की। इस अवसर पर सन्त पापा ने राष्ट्रपति केनियाता को, 16 वीं शताब्दी के विख्यात वास्तुकार एवं चित्रकार जियान लोरेन्सो बेरनीनी द्वारा हाथीदाँत के कागज़ पर अंकित  सन्त पेत्रुस महागिरजाघर की एक तस्वीर उपहार स्वरूप भेंट की। 

नायरोबी के स्टेट ङाऊस में विश्व नेताओं को सम्बोधित कर सन्त पापा ने अफ्रीका में अपनी प्रथम यात्रा के लिये आभार व्यक्त किया और कहा कि केनिया एक युवा एवं अनुनादी राष्ट्र है जो एक  समृद्ध विविध समाज होने के कारण विश्व के इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, अनेक तरह से प्रजातंत्रवाद के निर्माण में केनिया का अनुभव अन्य अफ्रीकी देशों को प्रेरित कर रहा है और केनिया की तरह ही वे भी परस्पर सम्मान, वार्ता, एवं सहयोग के लिये काम कर रहे हैं।

युवाओं को राष्ट्र का अनमोल कोष बताते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, ... "युवा व्यक्ति किसी भी राष्ट्र के अनमोल संसाधन हैं। उनकी रक्षा करना, उनमें निवेश करना तथा उनकी मदद करना बुर्जुगों को प्रिय प्रज्ञा एवं आध्यत्मिक मूल्यों से परिपूर्ण भविष्य को सुनिश्चित्त करने का सर्वोत्तम तरीका है।"   

भावी पीढ़ियों के लिये पर्यावरण की सुरक्षा को अपरिहार्य बताते हुए सन्त पापा ने कहा, "विश्व के समक्ष प्रस्तुत गम्भीर पर्यावरणीय संकट मानव प्राणियों एवं प्रकृति के बीच विद्यामन रिश्तों में और अधिक संवेदनशीलता की मांग करता है। प्रकृति के सौन्दर्य को उसकी अखण्डता सहित भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने की हम पर महान ज़िम्मेदारी है।"

सन्त पापा ने कहा कि वस्तुतः प्रकृति की सुरक्षा तथा न्याय एवं समानता पर आधारित सामाजिक निकाय के बीच एक सीधा सम्बन्ध है इसीलिये सबका आह्वान किया जाता है कि पुनर्मिलन क्षमा की बहाली का प्रयास करें।      

केनिया के सभी लोगों से शांति और क्षमा के लिये कार्य करने तथा जातिगत, धार्मिक एवं आर्थिक विभाजनों को दूर करने की ज़ोरदार अपील करते हुए उन्होंने कहा,... "अनुभव यह दर्शाता है कि हिंसा, संघर्ष एवं आतंकवाद, भय, अविश्वास और साथ ही निर्धनता एवं विफलताओं से उत्पन्न निराशा पर पोषित होते हैं। अन्ततः, शांति के इन शत्रुओं के विरुद्ध संघर्ष को उन स्त्री पुरुषों द्वारा जारी रखा जाना चाहिये जो साहसपूर्वक उन आध्यात्मिक एवं राजनैतिक मूल्यों में विश्वास करते तथा उनका साक्ष्य देते हैं जिन्होंने इस राष्ट्र के उदय को प्रेरणा प्रदान की थी।"








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