2015-11-03 16:05:00

काथलिकों ने भारत में बढ़ती असहिष्णुता की निंदा की


नई दिल्ली, मंगलवार, 3 नवम्बर 2015 (ऊकान): देशभर के काथलिकों ने सोमवार को भारत में बढ़ती असहिष्णुता की निंदा की तथा आरक्षण नीति को खत्म करने के कुटील प्रयास के प्रति आपत्ति जतायी।

ख्रीस्तीय समुदाय के करीब 100 नेताओं ने एक बयान पर हस्ताक्षर किया जिसमें कहा गया है कि ″देश में बढ़ रहे असहिष्णुता का हम खुलकर विरोध करते हैं तथा आरक्षण नीति को खत्म करने के कुटील प्रयास और संविधान की अवहेलना करने के प्रयास की निंदा करते हैं।″

धार्मिक नेताओं ने दलित, आदिवासी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हिंसा एवं ‘घर वापसी’ पर नराजगी जताते हुए बयान पर हस्ताक्षर किया।

बयान में हस्ताक्षर करने वालों में संत जेवियर्स कलकत्ता के प्राचार्य फा. फेलिक्स राज, कलकत्ता के पूर्व पुलिस प्रमुख फ्राँसिस कोलासो तथा दिल्ली सरकार की अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य ए. सी. मिखाएल तथा राष्ट्रीय एकता समिति के सदस्य जॉन दयाल प्रमुख हैं।

उन्होंने कहा कि हम जीवन के उन सभी पहलुओं, विश्वास, परम्परा, पृष्टभूमि, संस्कृति समुदाय, पेशा तथा नीति के साथ एक हैं जो देश में असहिष्णुता बढ़ाने के खिलाफ आवाज उठाते हैं तथा सभी देशवासियों से अपील करते हैं कि वे संकट उत्पन्न करने तथा निहित स्वार्थ के कारण संघर्ष बढ़ाने वालों के हर चाल से बचें।








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