2015-10-09 15:06:00

अल्पसंख्यक विरोधी बिल को वापस लेने की मांग


पाकिस्तान लहौर, शुक्रवार 09 अक्टुबर 2015 (ऊकान्यूज़) कलीसिया के नेताओं की अगवाई में 1000 की संख्या में ईसाइयों ने पंजाब विधान सभा के समाने प्रदर्शन कर अल्पसंख्यक विरोधी बिल, जो महिलाओं, नबालिक धर्मसंघियों और मजदूरों को मतदान के अधिकार से वंचित करता है वापस लेने की माँग की।

ज्ञात हो कि कलीसिया के नेता महीनों से सत्तारूढ़पार्टी के इस संशोधन के खिलाफ आवाज उठ रहें है जो जन मतदान अधिकार बिना ही प्रतिनिधियों के चुनाव की बात रखती है।

लाहौर के महाधर्माध्यक्ष सेबास्टियन शॉ ने प्रदर्शन के दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा, “हमें गुलाम न बनायें। मैं संसद के सदस्यों से गुजारिश करता हूँ कि वे अपने नियम बदलें। यह हमारे लिए न तो राजनीतिक मुद्दा है और न ही धार्मिक बल्कि हमारी पाकिस्तानी नागरिकता के अस्तित्व की पहचान है।”

धर्माध्यक्ष साम्मुएल अजारीया चर्च ऑफ पाकिस्तान के संचालक ने सरकार से निवेदन किया वे अल्पसंख्यकों को मतदान के अधिकार से वंचित न करें। प्रेस विज्ञाप्ति में सभी कलीसियाई नेताओं ने पाकिस्तान के उक्त बिल की भर्त्सना की है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि राष्ट्रीय स्तर पर आरक्षित सीटों के लिए आवंटित गैर-मुस्लिम प्रतिनिधियों का चयन अल्पसंख्यक समूहों के बीज गुप्त मतदान के माध्यम से किया जाये। 








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