2015-10-06 12:32:00

कलीसियाई नेता लोगों को समर्थन देने की नबूवती भूमिका निभायें


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 6 अक्टूबर 2015 (सेदोक): केरल में एरनाकुलम–अंगमाली के महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल जॉर्ज आलेनचेरी ने इस बात पर बल दिया है कि कलीसियाई नेताओं को लोगों को समर्थन देने की नबूवती भूमिका निभानी चाहिये। 

वाटिकन में 05 से 25 अक्टूबर तक जारी विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में, मंगलवार के प्रातःकालीन सत्र में धर्मसभा के आचार्यों को सम्बोधित करते हुए, कार्डिनल आलेनचेरी ने बाईबिल के जेरेमियाह के ग्रन्थ से उस पाठ का सन्दर्भ दिया जिसमें नबी जेरेमियाह यूदा के सम्राट को चेतावनी देते हैं कि यदि उन्होंने अपनी प्रजा का ध्यान नहीं रखा तो उनके राज्य का पतन निश्चित्त था। 

कार्डिनल आलेनचेरी ने कहा कि जिस प्रकार नबी जेरेमियाह ने बाबुल के राजा नबूखतनेज़र द्वारा यूदा राज्य एवं यूदा के मन्दिर के विनाश की चेतावनी दी थी वह आज भी धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के लक्ष्यों के साथ मेल खाती है। उन्होंने कहा कि यूदा के राजा अपनी प्रजा को न्याय दिलाने में असमर्थ रहे थे इसलिये उनका पतन हुआ था। उन्होंने कहा, "न्याय का अर्थ है ईश राज्य को स्वीकार करना तथा धर्मपरायणता वह कृपा है जो ईश राज्य को स्वीकार करने से मिलती है।"

धर्मसभा के आचार्यों से कार्डिनल आलेनचेरी ने प्रश्न किया, "क्या आज के कलीसियाई नेता अपने लोगों की पीड़ाओं को सुनने के लिये तैयार हैं? क्या आज के कलीसियाई नेता अपने लोगों को समर्थन देने के लिये, जेरेमियाह के सदृश, ईश वचन द्वारा तथा अपने व्यक्तिगत साक्ष्य द्वारा, नबूवती भूमिकाएँ निभा रहे हैं?"

कार्डिनल महोदय ने कहा, "जेरेमियाह को अपनी नबूवती भूमिका के कारण बहुत कष्ट सहना पड़ा था। जेरेमियाह के ग्रन्थ के 16 वें अध्याय के अनुसार जेरेमियाह से तीन बातों की मांग की गई थी और वे हैं, पत्नी न रखना, दफन क्रियाओं में भाग नहीं लेना तथा उत्सवों में भाग नहीं लेना।"

कार्डिनल आलेनचेरी ने कहा कि वर्तमान युग के लिये पत्नी न रखने का तात्पर्य ब्रहम्चर्य के व्रत से है जिसकी काथलिक पुरोहितों से मांग की जाती है। उन्होंने कहा कि जेरेमियाह की तरह ही आज के पुरोहितों एवं धर्माध्यक्षों से मांग की जाती है कि वे पीड़ा सहनेवाले बनें तथा अपने जीवन को अर्थपूर्ण बनायें। उन्होंने कहा, "इमारतों, भवनों एवं नियमों की मिथ्या सुरक्षा के भीतर रहना एक भ्रम है क्योंकि सुरक्षा केवल प्रभु येसु ख्रीस्त के आदेशानुसार अपने भाई और पड़ोसी की सहायता करने से ही मिल सकेगी।"  








All the contents on this site are copyrighted ©.