2015-10-03 16:18:00

संत पापा ने ‘फूड बैंक न्यास’ के सदस्यों से मुलाकात की


वाटिकन सिटी, शनिवार, 3 अक्तूबर 2015 (वीआर सेदोक): वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में शनिवार 3 अक्टूबर को संत पापा फ्राँसिस ने फूड बैंक न्यास के 7,000 सदस्यों से मुलाकात कर जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन का प्रबंध करने के उनके उदार कार्यों की सराहना की तथा उन्हें प्रोत्साहन दिया।

उन्होंने कहा, ″आप जो कुछ भी कर रहे हैं उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देता तथा प्रोत्साहन देता हूँ कि आप इस रास्ते पर आगे बढ़ते रहें।″

संत पापा ने कहा कि भूख आज कलंक का रूप ले लिया है जो अनेकानेक लोगों के जीवन एवं प्रतिष्ठा के लिए ख़तरा बन गया है। खाद्य पदार्थों से समृद्ध विश्व के साथ इस अन्याय के कारण प्रतिदिन संघर्ष करना पड़ रहा है। इस समस्या को विस्थापितों एवं शरणार्थियों की संख्या में वृद्धि के कारण तेजी मिली है। समस्या के इस विकराल रूप के समक्ष येसु की वाणी गूँज रही है, ″जब मैं भूखा था तुमने मुझे खिलाया।″ (मती.25:35) संत पापा ने कहा कि जब येसु का प्रवचन सुनने हेतु आये लोग भूखे थे तो उन्होंने उन्हें यूँ ही जाने नहीं दिया।

संत पापा ने कहा कि यद्यपि हम येसु की तरह चमत्कार नहीं कर सकते तथापि भूख की समस्या को कम करने के लिए कुछ न कुछ उपाय अवश्य कर सकते हैं। इसके लिए हमें विनम्र बनने की आवश्यकता है ताकि हम हर व्यक्ति में मानवता देख सकें।

संत पापा ने फूड बैंक न्यास की 25 वीं वर्षगाँठ पर इसके संस्थापक दानिलो फोस्साती तथा डॉ. जुस्सानी की याद की।

उन्होंने कहा कि न्यास का मूल इन दोनों महापुरूषों ने हृदय में है जो ग़रीबों के रूदन पर उदासीन नहीं रह सके तथा विचार किया कि लोगों की मानसिकता में परिवर्तन किया जाना चाहिए। उन्होंने सोचा कि व्यक्तिवाद तथा स्वार्थ की दीवार को तोड़ा जाना चाहिए। संत पापा ने न्यास के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस कार्य को जारी रखा है तथा कहा कि येसु ही हमें भूखों को खिलाने हेतु निमंत्रण देते हैं और कलीसिया इसे करुणा के एक ठोस कार्य के रूप में स्थान देती है।

संत पापा ने सभी सदस्यों को सलाह दी कि हज़ारों भूखों को खिलाते हुए जब वे लोगों से मुलाकात करते हैं तो यह स्मरण रखें कि वे ऐसे मनुष्यों से मुलाकात कर रहे हैं जिनकी अपनी समस्याएँ एवं पीड़ाएँ हैं। उन्होंने सदस्यों को अपने मृदु स्वभाव द्वारा उन ग़रीबों और असहाय लोगों को ईश्वर का प्रतिरूप होने का एहसास देने का परामर्श दिया।








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