2015-09-26 13:36:00

संत पापा का संदेश बच्चों और प्रवासी परिवारों के नाम


वाटिकन सिटी, शनिवार, 26 सितम्बर 2015, (सेदोक) संयुक्त राष्ट्र अमरीका की प्रेरितिक यात्रा पर गये संत पापा ने  शुक्रवार 25 सितम्बर को, क्वीन ऑफ ऐंजल्स स्कूल हारलेम में बच्चों और प्रवासी परिवारों से मुलाकात की और बच्चों के नाम अपने संदेश में कहा, प्रिय बच्चो,

मुझे खुशी है कि मैं आज आप के साथ हूँ। मैं आप के माता-पिता, गुरूजनों और आपके परिवार के सदस्यों को देखता हूँ। मुझे खुशी है कि आप ने मुझे यह निमंत्रण दिया। मैं आप के गुरूजनों से क्षमा की याचना करता हूँ क्योंकि मैंने उनके शिक्षण समय को चुरा लिया है।

उन्होंने मुझे आपके विद्यालय के बारे में एक अच्छी बात बतलाई कि कुछ विद्यार्थी दूसरे स्थानों से आते हैं यहाँ तक कि दूसरे देशों से भी। यह अच्छी बात है। यद्यपि, मैं जानता हूँ कि नये स्थान पर आना और नया घर, नये पड़ोसी और नये मित्र  खोजना आसान नहीं है। शुरू में यह कठिन हो सकता है। बहुधा आप को नयी भाषा, नयी संस्कृति और नये वातावरण के अनुरूप ढलना पड़ता है। न केवल स्कूल वरन बहुत सारी नयी चीजों को सीखना पड़ता है।

अच्छी बात यह है कि स्कूल में हम नये मित्र बनाते हैं। हम नये लोगों से मिलते हैं जो अच्छे हैं जो हमारा स्वागत करते हैं। वे हमसे मित्रता और अपनी समझ बाँटते हैं ताकि हम अनजान अनुभव न करें। वे हमें अपनेपन का एहसास कराते हैं। स्कूल में हमें कितना अच्छा लगता है जो हमारा दूसरा घर है। यह केवल आपके लिए  महत्वपूर्ण नहीं वरन आप के परिवार के लिए भी महत्वपूर्ण है अतः स्कूल हमारा बड़ा परिवार बन जाता है जहाँ हमारे माता-पिता, दादा-दादी गुरूजनों और मित्रों के साथ मिलकर हम दूसरों की सेवा करना, अपने गुणों को बाँटना, अपना सर्वोतम देना, एक समुदाय के समान काम करना और अपने सपनों को साकार करना सीखते हैं।

निकट ही एक महत्वपूर्ण सड़क है जो एक व्यक्ति के नाम पर रखी गयी है जिसने लोगों के लिये बहुत काम किये हैं, वे हैं माननीय मार्टिन किंग लूथर मैं उनके बारे में कुछ कहना चहूँगा। एक दिन उन्होंने कहा, “मेरा एक स्वप्न है।” उनका स्वप्न था कि अधिक बच्चों, अधिक लोगों को बराबर अवसर मिले। उनका स्वप्न था कि ढेर सारे बच्चे आप की तरह शिक्षा प्राप्त कर सकें। स्वप्न देखना और उसे पाने के लिए संघर्ष करना अच्छी बात है।

हमें आज स्वप्न देखते रहना है। हमें जो अवसर प्राप्त होते हैं उसका हमें उपयोग करना है और किशोरों के रूप अच्छी दुनिया के निर्माण में हताश और निराश नहीं होना है जहाँ ढेर सारी संभावनाएँ हैं। मैं आपके माता-पिता और गुरूजनों के एक सपने से अवगत हूँ कि आप विकास करें और खुश रहें। बच्चों को मुस्कुराते देखना सदैव अच्छा लगता है। यहाँ मैं आप सब को मुस्कुराते देखता हूँ। सदा मुसकुराते रहिये और दूसरों में अपनी खुशी बाँटियें।

प्रिय बच्चों स्वप्न देखना आप का अधिकार है और मुझे खुशी है कि आप इस स्कूल में हैं जहाँ आप अपनी आवश्यकता के समय मित्रों और शिक्षकों से सहायता ले सकते हैं। जहाँ ख्वाब है वहाँ खुशी है और येसु वहाँ उपस्थित हैं क्योंकि येसु ही खुशी हैं। वे हमारी सहायता करना चाहते हैं कि हम जीवन में सदा खुशी का अनुभव कर सकें।

जाने से पहले मैं आप को एक गृह कार्य देना चाहता हूँ। संत पापा ने बच्चों से पूछा, “क्या मैं दे सकता हूँ?” यह एक छोटा-सा अनुरोध हैं लेकिन है महत्वपूर्ण। आप मेरे लिए प्रार्थना करना न भूलें जिससे मैं येसु की खुशी दूसरों में बाँट सकूँ। आइये हम प्रार्थना करें कि दूसरे भी आप की तरह अपनी खुशी को बाँट सकें।








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