2015-08-29 17:07:00

'समलैंगिक पेंगुइन' पुस्तक के समर्थन की बात पर वाटिकन असहमत


वाटिकन सिटी, शनिवार, 29 अगस्त 2015 (सीएनए): वाटिकन ने मीडिया के उस दावे को सिरे से  खारिज़ कर दिया है जिसमें कहा गया था कि संत पापा फ्राँसिस ने समलैंगिकता पर आधारित किताब को समर्थन दिया है तथा कहा कि संत पापा द्वारा किताब के लेखक को प्रेषित पत्र की व्याख्या उसके समर्थन के रूप में नहीं की जानी चाहिए।

वाटिकन प्रेस के उप निर्देशक फादर चिरो बेनेदेत्तीनी ने 28 अगस्त को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा, ″लेखक के पत्र का उत्तर देते हुए वाटिकन राज्य सचिव का यह इरादा बिलकुल नहीं था कि वह सुसमाचार के विपरीत आचरण एवं शिक्षा का किसी भी तरह से समर्थन करे। अतः वाटिकन द्वारा पत्र के जवाब को इस तरह से देखा जाना पूरी तरह ग़लत है।″

वाटिकन ने उक्त बात समलैंगिकता को समर्थन देने वाली किताब की लेखिका फ्रंचेस्का पार्दी को भेजे गये पत्र के बारे में मीडिया द्वारा कथित तौर पर उसके काम को बनाए रखने हेतु प्रोत्साहन बताये जाने के मद्देनजर कही।

‘पिक्कोलो वॉभो’ नामक पार्दी की इतालवी भाषा में लिखी किताब का अर्थ है ‘छोटा अण्डा’ जिसमें दो समलैंगिक पेंगविन की कहानी दर्शायी गयी है जिन्होंने एक छोटे पेंगविन को गोद लिया है।

28 अगस्त को अपने फेसबुक पर पार्दी ने लिखा था कि उसने ″मोन्सिन्योर ब्राएन वेल्स के नाम पर संत पापा फ्राँसिस की ओर एक व्यक्तिगत पत्र प्राप्त किया था।″

उसने कहा कि पत्र में उसे तथा उसकी लड़की मित्र सिल्वा मरिया फेंगो को सम्बोधित किया गया था। उसने यह भी दावा किया था कि संत पापा ने उसके ‘उत्कृष्ट भाव’ के लिए धन्यवाद दिया था तथा ‘सच्चा मानवीय एवं ख्रीस्तीय मूल्यों’ के विस्तार तथा भावी युवा पीढ़ी की सेवा हेतु अधिक फलप्रद कार्यों की शुभकामनाएँ अर्पित की थी।

कई समाचार पत्रों ने उसे पार्दी तथा उसकी किताब को संत पापा का समर्थन के रूप में प्रस्तुत कर प्रकाशित किया था। 

वाटिकन ने उन सभी समाचार पत्रों का खंडन करते हुए कहा कि वाटिकन राज्य के उप सचिव मान्यवर पीटर वेल्स द्वारा प्रेषित पत्र में संत पापा के समर्थन का कोई चिन्ह नहीं है। किसी के उत्कृष्ट भाव के लिए उन्हें धन्यवाद देना वाटिकन का एक आम तरीका है जिसके द्वारा संत पापा को उपहार भेंट करने वालों को कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।

संत पापा के प्रेरितिक आशीर्वाद के संबंध में फादर बेनेदेत्तिनी ने स्पष्ट किया कि यह व्यक्ति को दिया गया है न कि कलीसियाई शिक्षा के विपरीत लिंग संबंधी विचारधारा के लिए।








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