2015-08-28 12:17:00

पर्यटन पर सार्वभौमिक कलीसिया की धर्मशिक्षा पर चिन्तन का आग्रह


सान्तियागो देल एस्तेरो, शुक्रवार, 28 अगस्त 2015 (सेदोक): आर्जेनटीना के सान्तियागो देल एस्तेरो नगर में, शुक्रवार, 28 अगस्त तक "सन्त पापा फ्राँसिस के युग में पर्यटन" विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशिविर जारी है जिसमें देश के धर्माध्यक्षों, याजकवर्ग एवं सभी क्षेत्रों के लोकधर्मियों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।   

वाटिकन में आप्रवासियों एवं यात्रियों की प्रेरिताई हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल अन्तोनियो मरिया वेलियो ने सान्तियागो देल एस्तेरो के कार्यशिविर में एक सन्देश प्रेषित कर पर्यटन पर सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया की शिक्षा पर मनन-चिन्तन का आग्रह किया है।

कार्डिनल वेलियो ने प्रतिभागियों को आमंत्रित किया कि वे कार्यशिविर के लिये चुने गये विषय अर्थात् "सन्त पापा फ्राँसिस के युग में पर्यटन" से अपना चिन्तन शुरु करें। प्रतिभागियों से उन्होंने अनुरोध किया कि वे सार्वभौमिक कलीसिया के साथ पूर्ण सहभागिता में रहकर सन्त पापा द्वारा सुसमाचार के सौन्दर्य पर प्रकाशित प्रेरितिक उदबोधन "एवान्जेलियुम गाओदी" तथा सृष्टि की देखभाल पर प्रकाशित "लाओदातो सी" से प्रेरणा ग्रहण करें।

सन्देश में कार्डिनल वेलियो ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया है कि आगामी 27 सितम्बर को मनाये जानेवाले विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में उक्त परमधर्मपीठीय परिषद के सन्देश में भी सन्त पापा फ्राँसिस के विश्व पत्र "लाओदातो सी" के कई अंशों को लिया गया है जिसका पाठ आर्जेनटीना तथा विश्व की सभी स्थानीय कलीसियाओं के लिये सहायक सिद्ध हो सकता है।

उन्होंने कहा कि परिषद के दस्तावेज़ में इस तथ्य पर बल दिया गया है कि पर्यटन, लोगों के मनोरंजन का साधन होने के साथ-साथ, अपनी दिनचर्या में व्यस्त रहनेवाले लोगों को अवकाश का मौका देता तथा आगे बढ़ने के लिये उनमें नवीन ऊर्जा का संचार करता है। इसके अतिरिक्त, पर्यटन, रोज़गार के अवसर उत्पन्न कर, मनुष्य को प्रतिष्ठापूर्ण जीवन यापन का आश्वासन भी देता है इसलिये पर्यटन को मानव के अखण्ड विकास से जोडकर देखा जाना चाहिये।         








All the contents on this site are copyrighted ©.