2015-08-26 15:14:00

प्रार्थना के महत्व पर संत पापा की धर्मशिक्षा


वाटिकन सिटी, बुधवार 26  अगस्त 2015, (सेदोक, वी. आर.) संत पापा फ्राँसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के तहत, संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, विश्व के कोने-कोने से जमा हुए हजारों तीर्थयात्रियों को इतालवी भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा-

अति प्रिय भाइयो एवं बहनो सुप्रभात,

समारोह और काम को परिवार कैसे जीता है इस पर मनन् करने के बाद, आज हम प्रार्थना करने के समय पर ध्यान करें। हम ख्रीस्तीयों की निरंतर शिकायत मुख्यतः समय को ले कर है,  "मुझे और अधिक प्रार्थना करनी चाहिए, मुझे यह करना होगा, लेकिन मेरे पास अक्सर समय नहीं होता है।" हमारा यह ईमानदारीपूर्ण अफसोस निश्चय ही जायज है क्योंकि हम बिना ज्ञान के भी हमेशा प्रार्थना करने की कोशिश करते हैं
हम सभी जानते हैं कि यह कितना महत्वपूर्ण है फिर भी हमें उसके लिए समय निकाल पाना कितना कठिन लगता है। शायद हमें अपने आप से यह पूछने की आवश्यकता है जैसा कि वे हमसे कहते हैं, क्या हम सचमुच अपने ईश्वर को अपनी सारी आत्मा, अपनी बुद्धि और सारी शक्ति से प्यार करते हैं क्योंकि प्रार्थना करने वाला हदय ईश्वरीय प्रेम का केन्द है जो कि हमारे जीवन के श्रोत हैं,जो अपने प्यार में सदैव हमारी चिन्ता करते हैं। 

ईश्वरीय प्रेम से भरा दिल एक छोटे से शांत विचार या छोटे से प्रार्थनामय ईशारा को भी प्रार्थना के क्षण में परिणत कर सकता है। पवित्र आत्मा हमें प्रार्थना करना सिखाता है, ईश्वर को हमें पिता कहने और प्रतिदिन हमें ईश्वरीय प्रेम में अग्रसर करता है। हमारे परिवारों को पवित्र आत्मा के वरदानों की माँग करने की आवश्यकता है। प्रार्थना के द्वारा, हमारे व्यस्ततम क्षणों में भी, हम अपना समय ईश्वर को वापस देते, हम ईश्वरीय शांति का अनुभव करते जो हमारे लिए महत्वपूर्ण चीज़ों की प्रशंसा करते हुए मिलती है, और हम ईश्वर द्वारा प्रदत्त अप्रत्याशित उपहारों की खुशी का अनुभव करते हैं।

प्रतिदिन की प्रार्थना के द्वारा हमारे घर मार्था और मरियम के परिवार की तरह बनें ऐसे स्थल  जहाँ येसु का सदैव  स्वागत किया जाये।

इतना कहने के बाद संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।

धर्मशिक्षा की समाप्ति के बाद संत पापा ने सभी तीर्थयत्रीयों का अभिवादन करते हुए कहा,  मैं अंग्रेजी बोलने वाले तीर्थयात्रियों और आगंतुकों, आज के आमदर्शन में भाग लेने वाले तमाम दर्शकों इंग्लैंड, डेनमार्क, माल्टा, चीन, दुबई, नाईजीरिया, कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका से आये आप सब का अभिवादन करता हूँ। आपको और आपके परिवार के सभी प्रिय जनों को ईश्वर अपनी आपार खुशी और शांति प्रदान करे।
येसु ! आप सबो को अपनी आशिष दे। तदोपरान्त उन्होंने सब पर शांति का अनुग्रह कर सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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