2015-08-14 16:08:00

दुनिया की ऐसी चीजें जो हमारे हृदय को बाँध देती हैं


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 14 अगस्त 2015 (वीआर सेदोक): ″आप पृथ्वी के नमक हैं, आप संसार की ज्योति हैं।″ (मती. 5:13-15) यह बात वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने शुक्रवार 14 अगस्त को दिली में तिमोर के युवाओं को सम्बोधित करते हुए कही।

कार्डिनल ने युवाओं से मुलाकात कर खुशी जाहिर की तथा उन्हें आनन्द, उमंग और आशा का पर्याय कहा।

उन्होंने 26 साल पहले संत पापा जॉन पौल द्वितीय की प्रेरितिक यात्रा की याद कर कहा कि उन्होंने भी युवाओं से पृथ्वी के नमक एवं संसार की ज्योति बनने का आह्वान किया था जिसका फल आज हम देख सकते हैं।

 कार्डिनल परोलिन ने तिमोर में पृथ्वी के नमक तथा संसार की ज्योति बनने का अर्थ समझाते हुए कहा, ″आप में बहुत बड़ी आशा है। देश को आपकी तथा आपके कौशल की आवश्यकता है। आपके द्वारा कामों को उत्तरदायित्व की भावना से निभाने की मांग करता है। उन्होंने कहा कि कलीसिया को भी आपकी आवश्यकता है कि आप ख्रीस्त के शिष्य बनें ताकि उनकी करुणा तथा सुसमाचार के आनन्द को सभी भाई बहनों के बीच बांटा जा सके।″ उन्होंने कहा कि इस देश की स्वतंत्रता लोगों के बलिदान द्वारा प्राप्त हुई है अब युवाओं की बारी है कि वे देश के भविष्य निर्माताओं के समर्पण को सहयोग दें। इस मिशन की पूर्ति हेतु हृदय के स्वतंत्रता की आवश्यकता है।

पाराग्वे में एक युवा द्वारा हृदय की स्वतंत्रता का अर्थ पूछे जाने पर संत पापा फ्राँसिस ने कहा था कि स्वतंत्रता ईश्वर का वरदान है किन्तु हमें उसे स्वीकार कर सकना चाहिए। हमारे हृदय को स्वतंत्र होना चाहिए क्योंकि इस दुनिया में कई ऐसी चीजें हैं जो हमारे हृदय को बाँध देती हैं। कार्डिनल ने कहा कि शोषण, जीवन की अर्थहीनता, मादक पदार्थों की लत, उदासी आदि सभी चीजें हमारी स्वतंत्रता को नष्ट कर देती हैं।  

कार्डिनल परोलिन ने युवाओं को स्वतंत्रता को बनाये रखने हेतु संघर्ष में कभी हिम्मत नहीं हारने की सलाह दी जिससे कि ख्रीस्तीय मूल्यों द्वारा वे देश और समाज के भविष्य का निर्माण कर सकें। उन्होंने कहा कि वे ख्रीस्त के प्रेम में बने रहें, नमक की तरह लोगों के जीवन में स्वाद भरें जो जीवन को अर्थ देता एवं उसे सार्थक बनाता है। वे ज्योति बनें जो लोगों को ईश्वर की ओर ले चलता तथा भाई बहनों के बीच सुसमाचार के आनन्द को बांटता है।








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