2015-08-04 12:04:00

नई दिल्लीः नागालैण्ड समझौते पर हस्ताक्षर, छः दशकों बाद शांति की आशा


नई दिल्ली, मंगलवार, 4 अगस्त 2015 (ऊका समाचार): केन्द्रीय सरकार ने, सोमवार को, नेशनल सोशलिस्ट काऊन्सल ऑफ नागालैण्ड आईएम के साथ एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिससे विगत छः दशकों से अधिक समय से हिंसा से प्रभावित नागालैण्ड में शांति की आशा प्रबल हुई है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए जिन्होंने इसे ऐतिहासिक समझौता निरूपित किया है। इस समझौते से देश के सबसे पुराने उग्रवाद को समाप्त करने की उम्मीद की जा रही है।

इस अवसर पर प्रधान मंत्री मोदी ने कहा, "नागा राजनैतिक मुद्दा छः दशकों तक ठहरा हुआ था जिसके गम्भीर परिणाम हमारे लोगों की पीढ़ियों को भोगने पड़े हैं।   

उन्होंने स्वीकार किया कि, "दुर्भाग्यवश, नागा समस्या का हल ढूँढ़ने में इतना लम्बे समय इसलिये लगा क्योंकि हम एक दूसरे को समझ नहीं पाये थे।"

मोदी ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के रूपान्तरण पर अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और यह विश्वास व्यक्त किया कि उक्त समझौता "नागालैंड के उज्जवल भविष्य के निर्माण हेतु नागा लोगों के लिए एक शानदार नया अध्याय खोलेगा।"

1986 में सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट के बीच शांति समझौते के बाद सोमवार को हस्ताक्षरित  नागा समझौता पूर्वोत्तर में दूसरी बड़ी पहल थी।  

नेशनल सोशलिस्ट काऊन्सल ऑफ नागालैण्ड आईएम के महासचिव थूईंगालेंग मुईवाह ने केन्द्रीय सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर को "महत्वपूर्ण अवसर" घोषित किया।

सन् 1997 में युद्ध विराम के बाद से नेशनल सोशलिस्ट काऊन्सल ऑफ नागालैण्ड आईएम केन्द्रीय सरकार से वार्ताएँ करती रही है।    








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