2015-08-04 12:08:00

तिरुवनन्तपुरमः बंदरगाह परियोजना पर सरकार कलीसिया के साथ चर्चा हेतु सहमत


तिरुवनन्तपुरम, मंगलवार, 4 अगस्त 2015 (सेदोक): केरल की राज्य सरकार अब बन्दरगाह परियोजना पर काथलिक कलीसिया के साथ विचार-विमर्श करने हेतु सहमत हो गई है।

त्रिवेन्द्रम लातीनी रीति महाधर्मप्रान्त के काथलिकों ने चेतावनी दी थी कि यदि सरकार विस्थापन से प्रभावित मछुओं के परिवारों के पुनर्वास का प्रबन्ध नहीं करेगी तो वे सरकार की विज़िन्झम बन्दरगाह परियोजना का जमकर विरोध करेंगे।

रविवार, 02 अगस्त को महाधर्मप्रान्त के सभी गिरजाघरों में महाधर्माध्यक्ष मरिया सूसा पाक्कियम  का प्रेरितिक पत्र पढ़ा गया था जिसमें केरल सरकार से माँग की गई थी कि वह उक्त परियोजना से प्रभावित मछुओं के परिवारों के लिये पुनर्वास पैकेज की घोषणा करे।

त्रिवेंद्रम महाधर्मप्रान्त के अधिकारियों के साथ प्रथम वार्ताओं के बाद ऊका समाचार से मत्स्य पालन और बंदरगाहों के राज्य मंत्री, के. बाबू ने कहा, "हम उनके साथ विचार-विमर्श जारी रखेंगे तथा उनके सभी भयों और शिकायतों को दूर करेंगे।"

उन्होंने कहा, "केरल सरकार सात अरब रुपये की लागत वाली विज़िन्झम बन्दरगाह परियोजना के विरुद्ध लैटिन काथलिक कलीसिया द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा के लिये तैयार है ।    

बन्दरगाह परियोजना इस वर्ष 17 अगस्त को शुरु होनेवाली थी।

मत्स्य पालन और बंदरगाहों के राज्य मंत्री के सचिव जेम्स वरगीज़ ने ऊका समाचार.कॉम से कहा, "परियोजना में पहले से ही लगभग 24 वर्ष का विलम्ब हो गया है, लेकिन सरकार सभी पीड़ित हितधारकों के साथ वार्ता का ताजा दौर शुरू करेगी।"  

परियोजना का क्षेत्र लातीनी रीति के त्रिवेंद्रम महाधर्मप्रान्त में कई मछली पकड़ने वालों की बस्तियों के अन्तर्गत आता है।








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