2015-07-27 12:07:00

प्रेरक मोतीः पोप सन्त इनोसेन्ट प्रथम और सन्त नज़ारियुस एवं सन्त सेल्सुस


वाटिकन सिटी, 28 जुलाई सन् 2015:

इनोसेन्ट की जन्म इटली के अलबानो में हुआ था। सन्त पापा अनास्तासियुस प्रथम के बाद इनोसेन्ट, 22 दिसम्बर सन् 401 ई. में, सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया के परमाध्यक्ष नियुक्त किये गये थे। अपने परमाध्यक्षीय काल के दौरान उन्होंने सन्त पापा के परमाध्यक्षीय अधिकारों को प्रतिष्ठापित किया। सन् 416 ई. में सन्त पापा इनोसेन्ट ने कार्थेज एवं मिल्लेविस की महासभाओं में, अफ्रीका के धर्माध्यक्षों की सराहना की थी क्योंकि उन्होंने अपनी आम सभाओं में जारी आदेशों को सन्त पापा के अनुमोदन के लिये भेजा था। साथ ही पेलाजियनवाद यानि कृपानिरपेक्षतावाद की सन्त पापा इनोसेन्ट प्रथम ने कड़े शब्दों में निन्दा की थी। अफ्रीका के धर्माध्यक्षों के आदेशों को सन्त पापा इनोसेन्ट द्वारा दिये गये अनुमोदन के परिणामस्वरूप ही सन्त अगस्टीन ने टिप्पणी की थी "रोमा लोकूता, काओज़ा फिनीतास" अर्थात् "रोम कह चुका, मामला समाप्त हुआ", जो सदियों के अन्तराल में प्रतिध्वनित होती रही थी। इससे पूर्व, सन्त पापा इनोसेन्ट ने सेन्ट विक्ट्रियुस एवं स्पेन के धर्माध्यक्षों के समक्ष इस तथ्य पर बल दिया था कि अन्तिम निर्णय के लिये अति महत्वपूर्ण विषय रोम को भेजे जायें।

सन्त पापा इनोसेन्ट ने याजकवर्ग को अत्यधिक समर्थन दिया, पुरोहितों के ब्रहम्चर्य पर बल दिया तथा सन्त जॉन क्रिज़ोस्तम के संग हुए अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाई। जब अलारिक के अधीन गौथिक सेनाओं ने रोम में लूटपाट मचाकर उसपर हमला बोला तब व्यर्थ ही उन्होंने रावेन्ना के सम्राट होनोरियुस से मदद की अपील की थी। रोम में, 12 मार्च सन्त 417 ई. को, सन्त पापा इनोसेन्ट प्रथम का निधन हो गया था। उनका स्मृति दिवस 28 जुलाई को मनाया जाता है।                 

28 जुलाई को ही सन्त नज़ारियुस तथा सन्त सेल्सुस का पर्व मनाया जाता है जो आरम्भिक कलीसिया के शहीद हैं। प्राचीन कलीसियाई इतिहास के अनुसार, नज़ारियुस को सन्त पापा, सन्त लीनुस से बपतिस्मा मिला था। ख्रीस्तीय धर्म की शिक्षा प्राप्त करने के बाद नज़ारियुस ने कईयों को प्रभु येसु के सुसमाचार से परिचित कराया था। इन्हीं में से थे किशोर सेल्सुस जिनकी शिक्षा-दीक्षा का बीड़ा नज़ारियुस ने उठाया था। दोनों ने मिलकर, इटली में, दूर दूर तक सुसमाचार का प्रचार किया था किन्तु जब वे मिलान शहर पहुँचे तब तत्कालीन रोमी प्रशासक एनोलीनुस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। कुछ दिन बाद उनके मृत शव, मिलान के तत्कालीन धर्माध्यक्ष सन्त एम्ब्रोज़ को, शहर के बाहर पड़े मिले। उनके सुसमाचार प्रचार कार्य से क्रुद्ध होकर एनोलीनुस ने उनके सिरों को धड़ से अलग कर उन्हें मरवा डाला था। सन्त नज़ारियुस तथा सन्त सेल्सुस आरम्भिक कलीसिया के शहीद सन्त हैं, उनका पर्व 28 जुलाई को मनाया जाता है।

चिन्तनः प्रभु येसु के सुसमाचार के ख़ातिर अपने प्राणों की आहुति देनेवाले आरम्भिक कलीसिया के शहीद सन्त, ख्रीस्त में हमारे विश्वास को सुदृढ़ करें तथा यह सोचने पर बाध्य करें कि हम कितना जीतें हैं वह महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि किस तरह जीतें हैं।  








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