2015-07-25 16:47:00

सीरिया के ख्रीस्तीयों की मदद करना अलेप्पो के महाधर्माध्यक्ष का उद्देश्य


अलेप्पो, सीरिया, शनिवार, 25 जुलाई 2015 (सीएनए): सीरिया में कलीसिया के धर्मगुरूओं ने अत्याचार के शिकार ख्रीस्तीय धर्मानुयायी एवं अल्पसंख्यकों के बीच आशा जगाने हेतु उन्हें संदेश भेजने का निश्चय किया है।

लगातार चल रहे संघर्ष के कारण देश की आधे से अधिक आबादी विस्थापित हो चुकी है किन्तु कई ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों ने अब भी अपने ही क्षेत्र में बने रहने का साहस किया है।

अलेप्पो के महाधर्माध्यक्ष जॉ क्लेमेन्ट जीनबंर्ट ने 17 जुलाई को प्रेषित अपने पत्र में कहा, ″मैं ऐसे समय लिख रहा हूँ जब अलेप्पो जिहादियों द्वारा बड़े पैमाने पर हमलों से घिरा है तथा यहाँ घंटो बम बरसाये जाते है ऐसा प्रतीत होता कि ये सब कुछ लोगों को भगाने के मकसद से किया जा रहा है।″

उन्होंने देश में बचे लोगों को आशा प्रदान करते हुए लिखा, ″हम उन्हें आशा का संदेश देना चाहते हैं जो उन लोगों को धीरज हेतु प्रोत्साहन प्रदान करेगा।″

महाधर्माध्यक्ष के अनुसार सीरिया के लोगों को अभी जो ठोस मदद दी जा रही है वह इतनी पर्याप्त हो कि वे लोग अपने ही घरों में रह पायें।

उन्होंने बतलाया कि महाधर्मप्रांत ने लोगों के जीविका उपार्जन हेतु विकास कार्यक्रम चलाने की योजना बनायी जिसके तहत उन्हें कुछ ठोस मदद दिये जायेंगे। उन्हें कार्यशालाओं का निर्माण करने तथा युद्ध में ध्वस्त घरों के मरम्मत हेतु मदद दिये जायेंगे।

उन्होंने कहा, ″रहने हेतु निर्माण″ नामक आंदोलन का लक्ष्य है सीरिया में सभी ख्रीस्तीयों को पुनः एकत्र करना।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि हम वह सब कुछ करने के लिए तैयार हैं जिससे कि इस विकट परिस्थिति में विश्वासियों को जीने में मदद मिल सके।

विदित हो कि करीब 5 सालों से सीरिया में संघर्ष की स्थिति है जिसके कारण 2,30,000 लोगों की जाने जा चुकी हैं।

सीरिया की आधी आबादी विस्थापित हो चुकी है तथा लगभग 4 मिलियन शरणार्थी पड़ोसी देशों में शरण लिए हुए हैं।

अलेप्पो के महाधर्माध्यक्ष ने विश्व से अपील करते हुए कहा, ″वह युद्ध विराम के लिए प्रार्थना करे, यदि वह हमें मदद करना चाहे तो हमारे देश में शांति निर्माण हेतु संघर्ष करने में सहायता दे।″

उन्होंने कहा कि वह उन ख्रीस्तीयों की मदद करे जो ख्रीस्तीयता को बनाये रखने के लिए अपने ही घरों में बने रहना चाहते हैं। 








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