पत्र- 1.5.2015
संत पिता फ्राँसिस ने इस वर्ष को समर्पित जीवन का वर्ष घोषित किया है इसी के संदर्भ में मैंने 2 मार्च को ब्रदर अनुरंजित कुल्लू के द्वारा भेंटवार्ता सुना कि समर्पित जीवन का अर्थ है किसी विशेष काम के लिए आगे आना, ईश्वर के साथ अपना अटूट संबंध बनाना। सचमुच ये आसान काम नहीं है किन्तु इसे सच्चाई से जीने के लिए त्याग, समर्पण एवं प्रार्थना की अति आवश्यक है। हमें चाहिए कि हम समर्पित लोगों के लिए प्रतिदिन प्रार्थना करें। मैं एवं मेरा परिवार प्रतिदिन धर्म सामाजियों के लिए अपनी प्रार्थनाएँ चढ़ाते हैं।
ललिता तिरकी, उर्सुलाईन बालिका उच्च विद्यालय टोंगो।
पत्र- 12.7.15
प्रिय फादर, सिस्टर एवं प्रबंधक, जय येसु। मैं यह जानना चाहता हूँ कि क्या आप वाटिकन रेडियो हिन्दी समाचार की छापी हुई प्रति उपलब्ध करा सकते हैं क्योंकि संस्करण अलग होने के कारण हम उसे छापने में असमर्थ हैं।
मान्यवर कजेतन, मुजफ्फरपुर के धर्माध्यक्ष।
पत्र – 10.7.15
1) मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए.....अभिमान मर जाएगा
2) आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए..... पत्थर दिल पिघल जाएगा
3) दांतों को आराम देकर देखिए.......स्वास्थ्य सुधर जाएगा
4) हाथों को कुछ काम देकर देखिए.....चहुं ओर उजियारा पसर जाएगा
5) जिह्वा पर विराम लगा कर देखिए......क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा
6) इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए......खुशियों का संसार नज़र आएगा।
डॉ. हेमान्त कुमार, प्रियदर्शनी रेडियो लिसर्न्स क्लब के अध्यक्ष, गोराडीह भागलपुर।
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