2015-07-18 15:47:00

खनन कार्य से प्रभावित समुदायों को संत पापा का संदेश


वाटिकन सिटी, शनिवार, 18 जुलाई 2015 (वीआर अंग्रेजी)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने, शुक्रवार 17 जुलाई को, स्थानीय समुदायों पर खनन कार्य के कारण होने वाले दुष्प्रभाव के संबंध में विचार करने हेतु वाटिकन में आयोजित एक प्रेस सम्मेलन के आयोजकों एवं प्रतिभागियों को संदेश प्रेषित किया।

न्याय एवं शांति के लिए बनी परमधर्मपीठीय समिति ने खनन कार्य के कारण होने वाले दुष्प्रभाव पर विचार करने हेतु तीन दिवसीय सभा का आयोजन किया है जिसमें खनन कार्य से प्रभावित विश्व भर के समुदायों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

न्याय एवं शांति के लिए बनी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल पीटर टर्कसन को प्रेषित संदेश में संत पापा ने उन समुदायों के लिए न्याय की मांग पर ध्यान आकृष्ट कराया जिन्होंने खनन के परिणाम स्वरूप अपनी ज़मीनें खो दी हैं और जो हिंसा, भय, भ्रष्टाचार, मानव अधिकार के हनन, काम करने की खौफ़नाक स्थिति, गुलामी तथा मानव तस्करी आदि के कारण परेशान हैं साथ ही, उन्हें जल, वायु तथा जमीन के प्रदूषण का भी सामना करना पड़ रहा है।

संत पापा ने पूरे खनिज क्षेत्र से अपील की कि वह कई देशों की स्थिति में सुधार हेतु क्रांतिकारी परिवर्तन लाये। उन्होंने कहा कि सभी दल उस मनोभाव को धारण करें कि हम सब एक ही मानव परिवार के सदस्य हैं तथा इस संकट के समाधान हेतु निष्कपट सम्मान पूर्ण वार्ता में संलग्न होवे।

सभा की तैयारी हेतु शुक्रवार को वाटिकन में एक प्रेस सम्मेलन में कार्डिनल पीटर टर्कसन ने कहा, ″सभा का उद्देश्य इन खनन कार्यों से प्रभावित समुदायों की स्थिति का आकलन करना तथा कम्पनियों द्वारा खनिज पदार्थों को निकलने की खोज करने वाले क्षेत्रों से लोगों के न्याय की मांग को आवाज देना है।″

कार्डिनल ने कहा कि काथलिक कलीसिया कई अवसरों पर मानव अधिकार के हनन, अवैधता, हिंसा, भय, अत्यधिक शोषण, प्रदूषण, तथा खनन कार्य आदि पर आवाज उठाती रही है।

प्रेस सम्मेलन में भारत, लातीनी अमरीका तथा अफ्रीका में खनन कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों के चार प्रतिनिधियों ने अपने साक्ष्य प्रस्तुत किये तथा बतलाया कि वहाँ स्थानीय समुदाय को किस प्रकार मानवीय अधिकारों के उल्लंघन का सामना करना पड़ता है विशेषकर, जल आपूर्ति में।








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