2015-06-27 16:08:00

वाटिकन एवं फिलीस्तीन के बीच व्यापक समझौता


वाटिकन सिटी, शनिवार, 27 जून 2015 (एशियान्यूज़)꞉ वाटिकन एवं फिलीस्तीन ने शुक्रवार 26 जून को एक व्यापक अधिकारिक समझौता किया जो दोनों पक्षों के बीच सहयोग की गारंटी देता तथा फिलिस्तीन में काथलिक कलीसिया की गतिविधियों को सुगम बनाता है। इसके साथ ही अब फिलीस्तीनी काथलिक फिलीस्तीनी राज्य के पूर्ण नागरिक बन गये हैं।

वाटिकन के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल गल्लाघार तथा फिलीस्तीन के विदेश मंत्री रियाद एल मल्की ने उनके संबंधित प्रतिनिधिमंडलों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किये।

ग़ौरतलब है कि यह समझौता उस कूटनीतिक प्रयास का परिणाम है जिसके तहत परमधर्मपीठ एवं फिलीस्तीनी मुक्ति संगठन के बीच 15 फरवरी सन् 2000 ई. को बुनियादी समझौते पर हस्ताक्षर किये गये थे जो उस समय के फिलीस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करता था।

महाधर्माध्यक्ष पौल गल्लाघार ने अपने वक्तव्य में ग़ौर किया कि समझौता, फिलीस्तीन की

 29 नवंबर 2012 को "एक गैर सदस्य संयुक्त राष्ट्र में प्रेक्षक राज्य के रूप में" मान्यता प्राप्ति से ताल्लुक रखता है।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि अपनी कानूनी मान्यता प्राप्त करने के कारण काथलिक कलीसिया फिलिस्तीन में अब लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेगी तथा काथलिक के रूप में पहचानी जायेगी। उन्होंने कहा, ″समाज के हित अपने सह-नागरिकों के साथ सहयोग से बढ़कर वे कोई विशेषाधिकार की खोज नहीं करेंगे।″

उन्होंने उन काथलिकों की भी याद की जिन्हें अन्य देशों में अत्याचार का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ″कई देशों में काथलिकों को अत्याचार का शिकार होना पड़ रहा है उनके लिए वाटिकन एवं फिलीस्तीन के बीच यह समझौता वार्ता एवं सहयोग का एक अच्छा उदाहरण है। उनकी उम्मीद है कि यह समझौता अरब एवं मुस्लिम बहुल देशों में आदर्श प्रस्तुत करेगा।″

महाधर्माध्यक्ष ने समझौते की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका प्रमुख अध्याय धर्म की स्वतंत्रता तथा अंतःकरण की स्वतंत्रता को समर्पित है जो मात्र अभिव्यक्ति एवं धर्म पालन की स्वतंत्रता प्रदान करने वाले देशों के विपरीत अंतःकरण की वास्तविक स्वतंत्रता प्रदान करेगा।

फिलीस्तीन के विदेश मंत्री रियाद एल मल्की ने भी समझौते के नए तत्वों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ″यह समझौता हमारी स्वतंत्रता, गरिमा, सहिष्णुता, सह-अस्तित्व, और सभी के प्रति समानता के हमारे साझा मूल्यों का प्रतीक हैं। यह वास्तव में ऐसे समय में आया है जब अतिवाद, बर्बर हिंसा और अज्ञान वास्तव में मानव विरासत के सामाजिक ताने-बाने और इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को चुनौती दे रहे हैं।″

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में फिलिस्तीन उग्रवाद का मुकाबला करने तथा सहिष्णुता, चेतना और धर्म पालन की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने एवं समान रूप से अपने सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है। फिलीस्तीनियों और उनके नेतृत्व में विश्वास और अपेक्षाओं के ये ही मूल्य और सिद्धांत प्रतिबिंबित होते हैं और इस स्तंभ पर हम अपने स्वतंत्र और लोकतांत्रिक राज्य की स्थापना का प्रयास जारी रखेंगे।

माना जा रहा है कि समझौता उग्रवाद, बर्बर हिंसा, और अज्ञानता से प्रभावित क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है।








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