2015-05-25 12:25:00

पवित्रआत्मा का वरदान पृथ्वी को नया कर देता है, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी,सोमवार, 25 मई 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि प्रभु का आत्मा पृथ्वी को नया कर देता है।

वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में, रविवार को, पेन्तेकॉस्त यानि पवित्रआत्मा के प्रेरितों पर अवतरण महापर्व के उपलक्ष्य में, सन्त पापा फ्राँसिस ने देश-विदेश के तीर्थयात्रियों के लिये ख्रीस्तीयाग अर्पित किया। 

ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने कहा कि विश्व को ऐसे स्त्री पुरुषों की आवश्यकता है जो अपने आपमें बन्द नहीं हों अपितु पवित्रआत्मा से परिपूर्ण हों।

उन्होंने कहा, "किसी को भी अपने आपमें बन्द नहीं होना चाहिये, उन्हें अपने स्वार्थ या लाभ की बात नहीं सोचनी चाहिये और न ही कठोर नियमों में बँधे होना चाहिये जैसा कि येसु ख्रीस्त के युग के फ़रीसी थे जिन्हें येसु पाखण्डी कहा करते थे।"

सन्त पापा ने कहा, "अपने आप को बन्द कर देने का अर्थ है पवित्रआत्मा की कृपा को न आने देना, इसका अर्थ है स्वतंत्रता का अभाव; यह एक पाप है।" इसके विपरीत, उन्होंने कहा, "विश्व को ख्रीस्त के अनुयायियों के साहस, आशा एवं विश्वास की आवश्यकता है।"      

पेन्तेकॉस्त के दिन प्रेरितों पर पवित्रआत्मा के अवतरण के विषय में सन्त पापा ने कहा, "उन्हें नई शक्ति मिली जो इतनी महान थी कि वे भिन्न –भिन्न भाषाओं में प्रभु येसु ख्रीस्त के पुनरुत्थान की घोषणा करने लगे।"

उन्होंने कहा कि सन्त योहन हमें बताते हैं कि पवित्रआत्मा प्रत्येक विश्वासी एवं विश्वास से परिपूर्ण प्रत्येक समुदाय में क्रियाशील रहता तथा मार्गदर्शन प्रदान करता रहता है जिसे पाने के लिये सतत प्रार्थना करनी चाहिये। 

सन्त पापा ने कहा कि पवित्रआत्मा हमारा मार्गदर्शन करता तथा पृथ्वी को नया करता है जैसा कि स्तोत्र ग्रन्थ के एक सौ चौथे भजन में हम पढ़ते हैं: "तू प्राण फूँक देता है, तो वे पुनर्जीवित हो जाते हैं और तू पृथ्वी का रूप नया बना देता है।"  








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