वाटिकन सिटी, बुधवार 6 मई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।
उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात, परिवार पर अपनी धर्मशिक्षा माला को जारी रखते हुए, आज हम सीधे रूप से ख्रीस्तीय विवाह की सुन्दरता पर चिंतन करें। यह एक संस्कार है जो कलीसिया और दुनिया में समुदाय का निर्माण करता है। विवाह ईश्वर की सृष्टि योजना में अंकित है और इस कृपा द्वारा असंख्य ख्रीस्तीय भाई-बहनों ने विवाहित जीवन को उदारता पूर्वक जिया है। विवाह मानव के लिए ईश्वर की योजना पर विश्वास तथा निःस्वार्थ प्रेम की अभिव्यक्ति है। संत पौलुस हमें बतलाते हैं कि विवाहित प्रेम ईश्वर तथा कलीसिया के बीच प्रेम का प्रतीक है। एक पति को उसी तरह अपनी पत्नी से प्रेम करना चाहिए जिस प्रकार ख्रीस्त ने कलीसिया के प्रति प्रेम के कारण उसे अपना सब कुछ अर्पित कर दिया। जब एक नर और नारी प्रभु में विवाह रचाते हैं तब वे कलीसिया के मिशनरी जीवन में भाग लेते हैं। वे न केवल अपने या अपने परिवार के लिए जीते किन्तु दूसरों के लिए भी जीते हैं। इस प्रकार, प्रत्येक विवाह में कलीसिया का जीवन समृद्ध होता है और उसकी सुन्दरता को प्रकाशित करता है जबकि इसकी विकृत कलीसिया को कमजोर कर देती है। एक दम्पति जो निष्ठा और साहस के साथ जीवन यापन करता है उन्हें विवाह संस्कार की कृपा, विश्वास, भरोसा और प्रेम को कलीसिया द्वारा प्रदान किये जाने में मदद देती है तथा वैवाहिक जीवन एवं परिवार में इसका अनुभव करने हेतु सहायता प्रदान करती है। संत पापा ने सभी विवाहित दम्पतियों के लिए प्रार्थना की कि वे इस रहस्य को पूरी तरह जी पायें, ईश्वर की कोमलता में भरोसा रखते हुए तथा कलीसिया के मातृ तुल्य देख भाल द्वारा।
इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।
उन्होंने भारत, इंगलैंड, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया, वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, जिम्बाबे, दक्षिण कोरिया फिनलैंड, ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड, जापान, उगान्डा, मॉल्टा, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
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