काठमांडू, मंगलवार, 28 अप्रैल 2015 (ऊकान)꞉ नेपाल में शनिवार को आये भारी भूकम्प से तबाह लोगों की मदद हेतु राहत कर्मी सुदूर क्षेत्रों तक राहत सेवा पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं किन्तु कई दूरगामी क्षेत्रों में मदद पहुँचाये जाने में कठिनाई हो रही है।
ऊका समाचार के अनुसार नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने कहा कि उन्होंने सभी दलों की एक आपात कालीन सभा बुलाकर जरूरतमंद लोगों के लिए टेंट, जल और खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करने का आदेश दिया है किन्तु हिमालय के नजदीक वाले इलाक़े शनिवार की भूचाल से पूरी तरह तहस-नहस हो चुके हैं और वहाँ सबसे बड़ी चुनौती है सड़क की सुविधा का अभाव जबकि देश के ग़रीब लोगों का एक बड़ा समुदाय का वह निवास स्थल है।
प्रधान मंत्री ने कहा, ″राहत की अपील सभी ओर से आ रही है किन्तु उपकरण और बचाव विशेषज्ञों के अभाव में हम कई प्रांतों में राहत उपलब्ध कराने के प्रयास में असफल हैं।″
अधिकारिक सूचना के अनुसार 4 310 लोगों की मौत हुई है जबकि 7,953 लोगों के घायल होने की खबर है।
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि नेपाल में भूकंप से 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 14 लाख लोगों को खाद्य सहायता की ज़रूरत है।
नेपाल में अंतरराष्ट्रीय मदद पहुंच रही है लेकिन अब भी वहां चिकित्सा उपकरणों, खाद्य सामग्री और शवों को उठाने के लिए बॉडी बैग्स की ज़रूरत है।
भुकम्प के तीन दिनों बाद भी राहत कर्मी की पहुँच लामजुंग की सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र में नहीं हो पायी है जो भुकम्प केंद्र से करीब 140 किलो मीटर की दूरी पर पश्चिम में स्थित है।
लामजुंग के गोरखा जिला अधिकारी उदव प्रसाद तिमिलसिना ने कहा, ″यहाँ स्थिति अच्छी नहीं है, कई लोगों ने अपना घर खो दिया है। उनके पास जल एवं खाद्य पदार्थ भी पर्याप्त नहीं है।″
उन्होंने कहा कि हम घायलों की सेवा नहीं कर सकते, हमें खाद्य पदार्थ, जल, दवा तथा टेंट की अति आवश्यकता है।
अब तक की सूचना अनुसार भूकंप से भारत में भी 76 लोग मारे गए हैं।
All the contents on this site are copyrighted ©. |