2015-04-15 17:27:00

नर-नारी की पूरकता


वाटिकन सिटी, बुधवार  15 अप्रैल,  2015 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में  विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में अगले वर्ष परिवार की बुलाहट और मिशन विषय पर होने वाली सिनॉद को ध्यान में रखते हुए हम परिवार पर चिन्तन करना जारी रखें।  

आज हम नर और नारी की पूरकता पर चिन्तन करें। पवित्र धर्मग्रंथ में हमें बताया गया है कि " ईश्वर ने मानव को अपने प्रतिरूप बनाया । उन्होंने नर और नारी को बनाया। नर और नारी सबकुछ में ईश्वर के सदृश थे न केवल अकेले पर दोनों एक साथ मिलकर।

ईश्वर की योजना में नर और नारी में जो अन्तर है इसका अर्थ नहीं है कि एक को दूसरे के अधीन रहना है या एक को दूसरे को अपने अधीन करना है पर दोनों के आपसी सहयोग से प्रजनन को आगे बढ़ाना है। इस तरह का सौहार्दपूर्ण पारस्परिक संबंध से मानव परिवार समृद्ध होता है।

पर ऐसा नहीं है कि इस संबंध में कुछ चुनौतियाँ नहीं है। नर और नारी दोनों एक दूसरे के साथ बातचीत करना सीखते हैं, एक – दूसरे का सम्मान करते और प्यार करते हैं। इन दिनों हम नारियों को विशेष सम्मान देते हैं। कलीसिया भी इस सबंध में नारियों को सम्मान देने और उनकी मर्यादा करने का आह्वान करती है।

प्रत्येक व्यक्ति को भी खुद से इस बात को पूछना चाहिये कि ईश्वर के प्रति विश्वास में कमी किस हद तक एक – दूसरे को सम्मान देने के व्यवस्थान संबंधी संकट के लिये ज़िम्मेदार है।

आज ज़रूरत है कि हमें ईश्वरीय योजना की सुन्दरता को समझें और नर और नारी के बीच के संबंध में ईश्वरीय छाप को देख सकें।

इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।

उन्होंने भारत, इंगलैंड, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया,  वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, जिम्बाब्ने, दक्षिण कोरिया  फिनलैंड,  ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. फिनलैंड, जापान, उगान्डा, मॉल्टा, डेनमार्क, कतार, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 

 

 








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