2015-03-31 12:09:00

प्रेरक मोतीः शहीद सन्त बेंजामिन (शहादत 424 ई.)


वाटिकन सिटी 31 मार्च सन् 2015

पुरोहित सन्त बेंजामिन ने 424 ई. के लगभग फारस में शहादत प्राप्त की थी। फारस के दो राजाओं के अधीन चालीस साल तक फारस के ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों को अत्यधिक उत्पीड़ित किया गया था। ये दो राजा थे इस्देगेर्द प्रथम तथा उनका बेटा और उत्तराधिकारी राजा वारानेस। 421 ई. में इस्देगेर्द का देहान्त हो गया था।

पिता के मरने के बाद उनका बेटा वारानेस गद्दी पर बैठा जो अपने पिता से भी अधिक निष्ठुर, क्रूर और ख़तरनाक सिद्ध हुआ। उसने ख्रीस्तीयों पर क्रूरतापूर्वक अत्याचार किये, ख्रीस्तीय प्रचारकों को कड़ी यातनाएँ दी तथा कई गिरजाघरों को ध्वस्त करवा दिया। अत्याचारों के इसी दौर में युवा पुरोहित बेनजामिन को उनके ख्रीस्तीय विश्वास के कारण एक साल तक जेल में डाल दिया गया तथा बाद में इस शर्त पर रिहा कर दिया गया कि वे अपने धर्म का परित्याग कर देंगे तथा कभी इसका प्रचार नहीं करेंगे।

पूर्वी रोमन सम्राट थेओदोसियुस द्वितीय की अपील पर बेनजामिन की रिहाई सम्भव हो सकी थी। हालांकि, बेनजामिन ने घोषणा कर दी थी कि ख्रीस्त के नाम का प्रचार करना उनका धर्म था और वे चुप नहीं रह सकते थे। उनकी इस जिद्द के कारण उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया तथा निष्ठुरतापूर्वक कड़ी यातनाएँ प्रदान की गई जिससे सन् 424 ई. में उनकी मृत्यु हो गई। क्रूरता के साथ उनके हाथों और पैरों के नाखूनों के बीच कीले लगाये गये तथा उन्हें मार डाला गया।      

पूर्वी रीति के काथलिक 13 अक्टूबर को जबकि रोम की काथलिक कलीसिया 31 मार्च को सन्त बेन्जामिन का पर्व उनका पर्व मनाती है।

चिन्तनः प्रार्थना एवं ईश वचन के पाठ द्वारा हम भी सत्य बोलने तथा सत्य का प्रचार करने की शक्ति प्राप्त करें।   

 








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