2015-03-21 11:26:00

बुराई का चयन करनेवाले आशा छीन लेते हैं, सन्त पापा फ्रांसिस


नेपल्स, स्काम्पिया, शनिवार, 21 मार्च 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि जो लोग स्वेच्छा से बुराई का रास्ता चुनते हैं वे आशा को छीन लेते हैं।

काथलिक कलीसिया के शीर्ष सन्त पापा फ्रांसिस ने शनिवार, 21 मार्च को इटली के पोम्पेई तथा नेपल्स की प्रेरितिक यात्रा की।

पोम्पेई में स्थानीय समयानुसार शनिवार प्रातः आठ बजे सन्त पापा ने हज़ारों तीर्थयात्रियों के साथ मिलकर मरियम तीर्थ पर प्रार्थना की और फिर हेलीकॉप्टर से नेपल्स शहर की ओर प्रस्थान किया।

नेपल्स के स्कामपिया स्थित सन्त जॉन पौल द्वितीय प्राँगण में लगभग सात हज़ार तथा प्राँगण के इर्द-गिर्द लगभग दस हज़ार श्रद्धालुओं ने उनका स्वागत किया। लगभग 1,600 बसें तीर्थयात्रियों को लिये बड़े सबेरे से प्राँगण तक पहुँच गई थी।

ग़ौरतलब है कि नेपल्स का स्कामपिया इलाका गोम्मोरा की धरती कहलाता है तथा अपराध जगत से जुड़ा है जहाँ विगत वर्षों में अपराधियों के आगे नहीं झुकनेवाले कई दूकानदारों एवं व्यापारियों की हत्याएं कर दी गई है तथा बच्चों एवं युवाओं को अवैध कामों के लिये बाध्य किया गया है।  

शनिवार को सन्त पापा ने स्कामपिया के लोगों से मुलाकात कर ईश्वर में सदैव आशा को जीवित रखने का सन्देश दिया। उन्होंने कहा, "जो लोग स्वेच्छा से बुराई का रास्ता चुनते हैं वे आशा को चुरा लेते हैं। वे ख़ुद अपने से, ईमानदार एवं कठोर श्रम करनेवाले लोगों से तथा शहर की अर्थव्यवस्था से आशा को चुरा लेते हैं।"  

एक आप्रवासी द्वारा सम्बोधित शब्दों का उत्तर देते हुए सन्त पापा ने उसे आश्वासन दिया और कहा, "हम सब ईश्वर की सन्तान हैं और यह बात किसी दस्तावेज़ पर नहीं किन्तु हममें से प्रत्येक के हृदय पर अंकित है। येसु हमारे एवं पिता ईश्वर के बीच मध्यस्थ हैं तथा उनके जीवन्त शब्द हमें ईश प्रेम के पात्र बनाते हैं।" उन्होंने कहा, "पाप ही हमें ईश्वर के प्रेम से अलग करता, हमें अपनी प्रतिष्ठा से वंचित करता तथा दास बना देता है।"

एक श्रमिक द्वारा सम्बोधित शब्दों के उत्तर में सन्त पापा ने कहा, "रोज़गार की स्थिति हमारे युग की एक गम्भीर स्थिति है, विशेष रूप से, युवाओं में व्याप्त बेरोज़गारी दर्शाती है कि सामाजिक निकाय में कुछ गम्भीर त्रुटियाँ हैं जिन्हें सुधारने की नितान्त आवश्यकता है।"

सन्त पापा ने कहा, "रोज़गार के अभाव में व्यक्ति मानव प्रतिष्ठा से वंचित हो जाता तथा हर प्रकार के शोषण का शिकार बनता है।"

नेपल्स शहर एवं उसकी समस्याओं के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा, "हज़ारों परीक्षाओं के जाल से गुज़रने के बावजूद नेपल्स फिर से उठने के लिये अनवरत तैयार रहता है जो उसकी यथार्थ शक्ति एवं उसका ठोस संसाधन है। उसकी जड़ें नेपल्स के लोगों के अन्तर में मूलबद्ध हैं, सबसे पहले धर्म के प्रति उनके लगाव में। यह ऐसी धार्मिकता है जिसकी पुनर्खोज की जाना, जिसे शुद्ध किया जाना तथा जिसे सुसमाचार के प्रकाश से प्रज्वलित किये जाने की ज़रूरत है क्योंकि सुसमाचार ही वह शक्ति है जो समाज में वास्तविक परिवर्तन लाकर लोगों में आशा का संचार कर सकती है।"  

उन्होंने कहा, "मैं आप सबको निरन्तर आगे बढ़ते रहने के लिये प्रोत्साहित करता हूँ तथा यहाँ के सभी परिवारों को आशीष देता हूँ जो एकता में सूत्रबद्ध रहने के लिये तथा न्याय के रास्ते पर चलने के लिये अनवरत प्रयास किया करते हैं।"   

 








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