2015-03-04 14:12:00

बुजूर्गो का सम्मान


वाटिकन सिटी, बुधवार  4 मार्च,  2015 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में  विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में अगले वर्ष परिवार की बुलाहट और मिशन विषय पर होने वाली सिनॉद को ध्यान में रखते हुए हम परिवार पर चिन्तन करना जारी रखें।  आज हम परिवार में  बुजूर्गों की महत्ता पर चिन्तन करें।

आज के युग में लोगों की औसत आयु पहले की अपेक्षा ज़्यादा है फिर भी हमारे समाज में बुजूर्गों को वह स्थान प्राप्त नहीं है जो उन्हें मिलना चाहिये। कई तो उन्हें एक बोझ समझते हैं। किसी समाज को इस बात बात से सभ्य समझा जा सकता है कि वहाँ बुजूर्गों का कितना सम्मान किया जाता है।

पाश्चत्य समाज में आज यह एक बहुत बड़ी चुनौती बन गयी है। यह समाज एक ओर तो बुजूर्गों की समस्या तो दूसरी ओर युवाओं की सोच- जो लाभ और दक्षता के आधार पर ऐसे वस्तुओं और लोगों का बहिष्कार करते जो उपयोगी और फलदायी न हो।

अपनी कमजोरी और बुढ़ापे की विभिन्न ज़रूरतों विशेष करके अपनी बीमारी या अकेलेपन के कारण उन्हें विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। बाइबल कहता है कि बोझ के बजाय बुजूर्ग प्रज्ञा के स्रोत हैं। कलीसिया ने बुजूर्गों को हमेशा स्नेह और कृतज्ञता के साथ सम्मान दिया है। कलीसिया ने जिस तरह से उन्हें स्वीकार किया है उससे वे समुदाय में स्वीकृत और उसके अभिन्न अंग के रूप में महसूस करते हैं।

समाज आपसी एकता के बिना निर्धन हो जायेगा। बुजूर्गों के प्रति सम्मान दिखाकर हम सामाजिक संरचना को मजबूत कर सकते हैं जो नयी पीढ़ी के भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में कदम में एक ठोस कदम होगा।

इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मसिक्षा समाप्त की।

उन्होंने भारत, इंगलैंड, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया,  वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, जिम्बाब्ने, दक्षिण कोरिया  फिनलैंड,  ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. फिनलैंड, जापान, उगान्डा, मॉल्टा, डेनमार्क , कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 

 

 








All the contents on this site are copyrighted ©.