2015-03-02 14:42:00

मन-परिवर्तन के रास्ते


वाटिकन सिटी, सोमवार 2 मार्च 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 1 मार्च को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,

″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात,

गत रविवार के धर्मविधिक पाठ ने निर्जन प्रदेश में शैतान द्वारा येसु की परीक्षा को प्रस्तुत किया था जिसके प्रलोभन में येसु विजयी हुए थे। इस सुसमाचार पाठ के आलोक में ही हम अपने पापी स्वभाव के प्रति सचेत होते हैं बल्कि हम इस बात से भी अवगत होते हैं कि मन-परिवर्तन के रास्ते पर चलने वाला ही बुराई पर विजय पा सकता है तथा येसु के समान पिता की इच्छा पूरी करने की चाह रख सकता है।″

संत पापा ने कहा कि चालीसा के इस दूसरे रविवार में कलीसिया हमें मन-परिवर्तन की यात्रा के गंतव्य को प्रस्तुत करता है अर्थात् ख्रीस्त की महिमा में सहभागिता। वही महिमा जो हमारे लिए मारे जाने और पुनः जी उठने वाले आज्ञाकारी सेवक के चेहरे पर प्रकाशमान हुआ।

आज सुसमाचार पाठ येसु के रूपांतरण की घटना का वर्णन करता है जो येसु की प्रेरिताई का चरम है। वे येरूसालेम के रास्ते पर हैं जिसपर चलकर वे ईश्वर के सेवक के लिए की गयी भविष्यवाणी एवं मुक्तिदायी बलिदान को पूर्णता प्रदान करेंगे। उधर जनता ने अपनी सांसारिक उम्मीदों के मसीह की खोज में उनका परित्याग किया यहाँ तक कि चेलों ने भी येसु के उस कथन को नहीं समझा जिसमें उन्होंने प्रेरिताई के परिणाम ‘महिमामय दुखभोग’ की घोषणा की। यही कारण है कि येसु ने पेत्रुस, याकूब और योहन के विश्वास को सुदृढ़ करने हेतु उन्हें अपनी भावी महिमा प्रकट की तथा उन्हें क्रूस के रास्ते पर उनका अनुसरण करने का आह्वान किया। एक ऊँचे पर्वत पर, प्रार्थना करते समय उनके सामने ही येसु का रूपांतरण हो गया। उनके वस्त्र ऐसे चमकीले और उजले हो गये कि दुनिया का कोई भी धोबी उन्हें उतना उजला नहीं कर सकता। शिष्यों को एलियस और मूसा दिखाई दिये- वे ईसा के साथ बातचीत कर रहे थे। उस समय पेत्रुस ने ईसा से कहा, ''गुरुवर! यहाँ होना हमारे लिए कितना अच्छा है! हम तीन तम्बू खड़े कर दें- एक आपके लिए, एक मूसा और एक एलियस के लिए।''  उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या कहे, क्योंकि वे सब बहुत डर गये थे। तब एक बादल आ कर उन पर छा गया और उस बादल में से यह वाणी सुनाई दी, ''यह मेरा प्रिय पुत्र है। इसकी सुनो।'' (मार.9꞉3-7)

संत पापा ने कहा कि ईश्वर के पुत्र येसु सेवक के रूप में दुनिया में भेजे गये ताकि क्रूस द्वारा मुक्ति की योजना को पूरा कर दें। पिता की इच्छा के पूर्ण पालन द्वारा उन्होंने मानव जाति के लिए प्रेमी ईश्वर की महिमा को प्रकट किया।

येसु ने अपने को पिता के एक उत्तम प्रतीक के रूप में प्रकट किया, उनकी महिमा एवं उनकी पूर्ण प्रकाशना के प्रतिबिम्ब को।

संत पापा ने येसु के रूपांतरण में मूसा और एलियस की उपस्थिति का रहस्य बतलाते हुए कहा, ″मूसा एवं नबी एलियस उनके बगल में क्यों प्रकट हुए? उन्होंने कहा कि संहिता एवं नबी का प्रतिनिधित्व करने के लिए।

चेलों तथा आज हमारे लिए भी यही एक वाणी है, ″तुम उनकी सुनो।″ ये वाणी हमें येसु को सुनने के लिए प्रेरित करती है वह कहना चाहती है कि येसु मुक्तिदाता हैं उनका अनुसरण करो।

येसु को सुनना वास्तव में उनके पास्का के रहस्य में भाग लेना है। उनके जीवन को दूसरों के लिए प्रेम उपहार बनाने हेतु उनके रास्ते को अपनाना है। हम ईश्वर की इच्छा के प्रति विनम्र आज्ञापालन, भौतिक वस्तुओं के प्रति अनासक्त तथा आंतरिक स्वतंत्रता द्वारा उनके रास्ते पर चल सकते हैं। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि समस्त मानवजाति के लिए ईश्वर की मुक्ति योजना को समझने हेतु हमें अपने जीवन को खोने के लिए सदा तैयार रहना चाहिए। (मार.8꞉35)

संत पापा ने कहा कि पेत्रुस, योहन और याकूब के साथ हम रूपांतरण के उस पर्वत पर चढ़ें तथा वहाँ ठहर कर येसु के मुखमंडल पर मनन-चिंतन करें ताकि हम उनके संदेश को प्राप्त कर, उसे अपने जीवन में उतार सकें क्योंकि प्रेम द्वारा ही हमारा रूपांतरण हो सकता है। धन्य कुँवारी मरियम इस यात्रा में हमारी मदद करे, हम उन्हें देवदूत प्रार्थना के माध्यम से पुकारें।

इतना कहकर संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।

देवदूत प्रार्थना समाप्त करने के पश्चात् उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर सीरिया और ईराक में हिंसा, अपहरण एवं उत्पीड़न के शिकार ख्रीस्तीयों को आध्यात्मिक सामीप्य प्रदान करते हुए दृढ़ बने रहने का प्रोत्साहन दिया।

उन्होंने कहा, ″इन परिस्थितियों से जूझ रहे भाई बहनों को हम आश्वासन देना चाहते हैं कि हमने आपको नहीं त्यागा हैं किन्तु हम आपके करीब हैं तथा प्रार्थना करते हैं कि आपके ऊपर बीत रही असहनीय क्रूरता का शीघ्र अंत हो।

रोमन कूरिया के सदस्यों के साथ आध्यात्मिक साधना में गत शुक्रवार को मैंने इस मतलब के लिए ख्रीस्तयाग भी अर्पित किया है।

संत पापा ने विश्वासियों से सीरिया और ईराक वासियों के दुःख को बांटने का आग्रह करते हुए कहा कि हम प्रत्येक अपनी क्षमता के अनुसार उनके दुखों को हल्का करने का प्रयास करें।

संत पापा ने बेनेजुएला में हिंसा का परित्याग करने और व्यक्ति की गरिमा का सम्मान करने का निवेदन करते हुए राष्ट्र के हित एकजुट होकर आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया।

उन्होंने कहा, ″सभा का आयोजन किया जाए तथा उदार एवं निर्माणात्मक वार्ता को स्थान मिले।″

अंत में संत पापा ने देश-विदेश से एकत्र तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया तथा सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।

 








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