2015-01-30 15:46:00

सीबीसीआई ने विश्वासियों के नाम पत्र लिखा


नई दिल्ली, शुक्रवार, 30 जनवरी 2015 (ऊकान)꞉ भारत के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने सभी धर्मप्रांतों में एक प्रेरितिक पत्र जारी कर विश्वासियों से अपील की है कि वे अपने विश्वास में दृढ़ रहें तथा भारतीय संविधान की प्रजातांत्रिक प्रकृति को कायम रखें।

ग़ौरतलब है कि यह पत्र देश भर में ‘घर वापसी’ की घटनाओं तथा अल्पसंख्यकों पर आक्रमण के मद्देनजर जारी की गयी है तथा उसे विभिन्न भाषाओं में अनुवाद कर सभी गिरजाघरों में विश्वासियों पढ़कर सुनाया गया है।

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल बसेलिओस क्लीमिस ने पत्र में कहा है, ″हम किसी राजनीतिक दल के विरूद्ध विद्रोह नहीं कर रहे हैं किन्तु हमारे देश के संविधान में निहित महान आदर्शों जैसे, धार्मिक स्वतंत्रता, अंतःकरण की स्वतंत्रता, मौलिक अधिकार तथा जनसत्ता के गारंटी की मांग कर रहे हैं।″

सीबीसीआई के अध्यक्ष ने सरकार से अपील की है कि इस धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की एकता में खतरा उत्पन्न करने वाली इन घटनाओं को रोके तथा उस पर तत्काल हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई करे।

पत्र में यह भी कहा गया है कि ईसाई धर्म 2,000 वर्ष पुरानी है जबकि हाल के दिनों में धर्म परिवर्तन के नाम पर हो रहे विवादों के कारण भारत की नकारात्मक छवि प्रस्तुत हुई है।

कार्डिनल ने ‘घर वापसी’ एवं 'धार्मिक प्रकृति के रूपांतरण'  पर अंतर स्पष्ट करते हुए कहा है कि धार्मिक स्वभाव में परिवर्तन का अर्थ है अपनी स्वतंत्र इच्छा एवं मौलिक अधिकारों का प्रयोग करना जबकि ‘घर वापसी’ एक राजनीतिक प्रक्रिया है जो धार्मिक राष्ट्रवाद के शक्तिशाली प्रतिपादकों द्वारा संचालित है तथा धर्मनिरपेक्षता प्रणाली के बिलकुल विपरीत है।

 








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