2015-01-26 08:33:00

शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिये सुनना है अनिवार्य, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, सोमवार, 26 जनवरी सन् 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि लोगों में आपसी समझदारी एवं शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिये अनिवार्य है कि हम एक दूसरे की बात सुनें। 

रोम में अरबी भाषा एवं इस्लाम धर्म के अध्ययन हेतु स्थापित परमधर्मपीठीय संस्था की 50 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में विगत दिनों आयोजित सम्मेलन के प्रतिभागियों ने कार्डिनल ग्रोखोलेव्स्की तथा कार्डिनल जाँ लूई तौराँ के नेतृत्व में शनिवार को सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।

इस अवसर पर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि विगत वर्षों के दौरान कुछेक ग़ैरसमझदारियों के बावजूद अन्तरधार्मिक सम्वाद के श्रेत्र में आशातीत विकास हुआ है और विशेष रूप से इस्लाम धर्मानुयायियों के साथ भी वार्ता के कई अवसर उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने कहा, "इसके लिये अनिवार्य है अन्यों की बात सुनना। सुनने की क्रिया केवल आपसी समझदारी एवं शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिये ही महत्वपूर्ण नहीं है अपितु शिक्षा की दृष्टि से भी यह अनिवार्य है ताकि हम दूसरे के मूल्यों को पहचान सकें, उनकी उत्कंठाओं को समझ सकें तथा सामान्य दृष्टिकोणों तक पहुँच सकें। इस सब का आधार है उपयुक्त प्रशिक्षण ताकि अपनी पहचान को बरकरार रखते हुए हम आपसी ज्ञान में विकास कर सकें।" 

सन्त पापा ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि जब हम ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आते हैं "जो विश्वास के साथ अपने धर्म की अभिव्यक्ति करता है तो उसका साक्ष्य तथा उसकी सोच हमसे मांग करती है कि स्वयं अपनी आध्यात्मिकता पर हम चिन्तन करें।" अस्तु, उन्होंने कहा, "वार्ता के उदगम में ही साक्षात्कार है। इससे ही दूसरे के बारे में प्रथम ज्ञान प्रस्फुटित होता है। इसीलिये यदि हम सर्वप्रथम यह सोच कर आगे बढ़ेंगे कि हम सब मानव परिवार के सदस्य हैं तो पूर्वधारणाओं एवं मिथ्यावादिता और किसी भी प्रकार के भ्रम को दूर किया जा सकेगा तथा एक नये परिप्रेक्ष्य में अन्य को समझा जा सकेगा।"  

सन्त पापा ने कहा कि रोम स्थित अरबी भाषा एवं इस्लाम धर्म के अध्ययन हेतु स्थापित परमधर्मपीठीय संस्था का इतिहास इसी दिशा की ओर जाता है जो सब कुछ को सतही तौर पर स्वीकार नहीं करता अपितु कठिन परिश्रम और अनुसंधान द्वारा मानव परिवार के सदस्यों के बीच आपसी समझदारी, मैत्री एवं शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की प्रस्तावना करता है। 








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