2015-01-12 15:09:00

प्रभु येसु का बपतिस्मा


वाटिकन सिटी, सोमवार, 12 जनवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन  स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 11 जनवरी को भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,

″अति प्रिय भाईयो एवं बहनो,

सुप्रभात,

आज हम प्रभु के बपतिस्मा का महापर्व मना रहे हैं जिसके द्वारा ख्रीस्त जयन्ती काल का समापन होता है। प्रभु के बपतिस्मा के समय यर्दन नदी के किनारे क्या घटना घटी एस विषय में सुसमाचार पाठ हमें बतलाता है कि जब योहन बपतिस्ता ने येसु को बपतिस्मा प्रदान किया तब आकाश खुल गया। संत मारकुस कहते हैं, ″वे पानी से निकल ही रहे थे कि उन्होंने स्वर्ग को खुलते और आत्मा को कपोत के रूप में अपने ऊपर आते देखा।″(मार.1꞉10)

संत पापा ने कहा कि इस घटना में नबी इसायस का कथन चरितार्थ होता है, ″ओह! यदि तू आकाश फाड़ कर उतरे! तेरे आगमन पर पर्वत काँप उठें!″ इसा.63꞉19) 

उन्होंने कहा कि यही आवाज येसु के बपतिस्मा के समय सुनाई पड़ी थी। इस प्रकार आसमान के बंद रहने की अवधि समाप्त हुई जो मानवजाति के पाप के कारण ईश्वर से अलग होने का प्रतीक है। पाप हमें ईश्वर से दूर कर देता तथा आकाश के साथ पृथ्वी का संबंध तोड़ देता है जिसके कारण हमारे जीवन में दुःख एवं असफलता का आगमन होता है।

खुला आकाश दर्शाता है कि ईश्वर पृथ्वी पर अपना आशीष प्रदान करते हैं ताकि वह फल उत्पन्न करे। इस कारण, पृथ्वी पर मनुष्यों के बीच, ईश्वर का निवास स्थान बन गया है और हम सभी को ईश पुत्र से मुलाकात कर, उनके असीम प्रेम एवं दया का अनुभव करने का अवसर प्रदान दिया गया है।

संत पापा ने कहा कि पावन संस्कारों में हम ख्रीस्त से यथार्थ मुलाकात कर सकते हैं विशेषकर, युखरिस्त संस्कार में। हम अपने भाई-बहनों के चेहरे में उन्हें पहचान सकते हैं खासकर, ग़रीब, बीमार, कैदी, शरणार्थी आदि में। ये लोग दुःख भोग रहे ख्रीस्त के जीवित शरीर हैं तथा अदृश्य ईश्वर के दृश्यमान चिन्ह।

येसु के बपतिस्मा के समय न केवल आकाश खुला किन्तु ईश्वर के आवाज की गुंज भी सुनाई पड़ी, ''तू मेरा प्रिय पुत्र है। मैं तुझ पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।'' (मार.1꞉11) पिता की आवाज, संत योहन बपतिस्ता द्वारा बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति के रहस्य को प्रकट करता है। ईश्वर के शरीरधारी पुत्र एक ‘शब्द’ हैं जिन्हें पिता दुनिया को सुनाना चाहते हैं। उन्हें सुनने, उसका अनुसरण करने तथा ‘शब्द’ का साक्ष्य प्रस्तुत करने के द्वारा ही हम अपने विश्वास को पूर्णतया फलप्रद बना सकते हैं जिसका बीज बपतिस्मा के दिन हम में लगाया गया है।

पवित्र आत्मा का कपोत के रूप में उतरना दर्शाता है कि प्रभु द्वारा अभिषिक्त मसीह ने अपने मिशन की शुरूआत कर दी है वह मिशन है हमारी मुक्ति।

संत पापा ने याद दिलाई कि हम बहुधा येसु तथा पिता ईश्वर से प्रार्थना करते किन्तु पवित्र आत्मा को भूल जाते हैं। हमें उनसे सहायता, शक्ति तथा प्रेरणा अवश्य मांगना चाहिए। पवित्र आत्मा जो येसु के सम्पूर्ण जीवन एवं मिशन में संलग्न थे, वही आत्मा आज ख्रीस्त धर्मानुयायियों का मार्गदर्शन करते हैं। पवित्र आत्मा के अनुसार हमारा ख्रीस्तीय जीवन एवं मिशन बपतिस्मा द्वारा प्राप्त हो जाता है। इसका अर्थ है कि संसार के प्रलोभन पर विजय पाने हेतु प्रेरितों को प्राप्त आवश्यक साहस हमें भी प्रदान किया गया है। एक ख्रीस्तीय समुदाय में पवित्र आत्मा हमें प्रेरित करता है कि हम पृथ्वी के कोने-कोने तक सुसमाचार का प्रचार करें जिसे कि अन्य लोग भी ख्रीस्तीय धर्मानुयायी बन सकें। वह ख्रीस्तीय समुदाय गूंगा है जो सुसमाचार का प्रचार नहीं करता है।

अतः पवित्र आत्मा से मदद, शक्ति और प्रेरणा प्राप्त करने हेतु हम प्रार्थना करें। संत मरिया ईश्वर की माता तथा कलीसिया की माता सभी बपतिस्मा प्राप्त विश्वासियों की यात्रा में साथ दें, उन्हें ईश्वर के प्रेम में बढ़ने हेतु मदद करें तथा सुसमाचार की सेवा में आनन्द प्रदान करें ताकि हमारा जीवन अर्थपूर्ण बन सके।

इतना कहने का बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 








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